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फ्लाई ऐश ईंटों की पूरी जानकारी (2025): कीमत, फायदे और भारत में कहां से खरीदें

फ्लाई ऐश ईंटें क्यों बन रही हैं 2025 की सबसे समझदारी भरी निर्माण चॉइस?

भारत में निर्माण के तरीके बदल रहे हैं। अब सिर्फ मजबूत दीवारें नहीं, बल्कि सस्ते और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प भी मायने रखते हैं। ऐसे में फ्लाई ऐश ईंटें तेज़ी से लोकप्रिय हो रही हैं — खासकर नए घर बनाने वाले और सरकारी प्रोजेक्ट्स में।

अगर आप जानना चाहते हैं कि ये ईंटें क्या हैं, क्यों बेहतर हैं, और 2025 में इन्हें कहां से खरीदें - तो यह ब्लॉग आपके लिए है।

फ्लाई ऐश ईंटें क्या होती हैं?

ये ईंटें थर्मल पावर प्लांट्स से निकलने वाली राख (fly ash), सीमेंट (cement), बालू (sand) और पत्थर की धूल (stone dust) से बनाई जाती हैं। इन्हें मशीनों में दबाकर और पानी में भिगो (curing) कर  तैयार किया जाता है।

इनका सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये पर्यावरण के लिए हानिकारक राख को उपयोगी बनाती हैं और मिट्टी की बर्बादी को रोकती हैं।

💸 2025 में भारत में फ्लाई ऐश ईंटों की कीमत

कीमत कई बातों पर निर्भर करती है — जैसे राज्य, निर्माण तकनीक (हैंडमेड या मशीनमेड), और ऑर्डर की मात्रा। लेकिन औसतन रेट कुछ इस प्रकार हैं:

क्षेत्रकीमत प्रति ईंटप्रति 1000 ईंटें
दिल्ली / एनसीआर₹6–₹8₹6,000–₹8,000
बिहार / झारखंड₹4.5–₹7.5₹4,500–₹7,500
महाराष्ट्र₹5.5–₹7.5₹5,500–₹7,500

👉 यदि आप थोक में खरीदते हैं तो बेहतर रेट मिल सकते हैं।

फ्लाई ऐश ईंटों के फायदे (रेड ब्रिक की तुलना में)

  •  कम पानी सोखती हैं - सीलन और लीकेज का रिस्क कम होता है।
  •  सही साइज की होती हैं - इसलिए प्लास्टरिंग में सीमेंट की बचत होती है।
  •  थर्मल इंसुलेशन अच्छा होता है - गर्मी और ठंडी में घर ज्यादा आरामदायक रहता है।
  •  कम वजन और ज्यादा मजबूती - ट्रांसपोर्ट आसान, स्ट्रक्चर मज़बूत।
  •  फिनिशिंग शानदार होती है - प्लास्टर बहुत कम लगता है, दीवारें सीधी दिखती हैं।
  •  लंबे समय तक चलती हैं - टूटफूट कम होती है, रखरखाव में भी बचत।

⚠️ कुछ बातें ध्यान में रखें

  • सही मजबूती पाने के लिए इन ईंटों को 15-20 दिन तक पानी में भीगना (curing) जरूरी होता है।
  • बहुत ज्यादा पानीवाले इलाकों में वॉटरप्रूफिंग जरूरी हो सकती है।
  • अनट्रेंड मिस्त्री को शुरू में इन ईंटों से प्लास्टर करते समय थोड़ी दिक्कत हो सकती है।

🏭 इनका निर्माण कैसे होता है?

  1. फ्लाई ऐश, सीमेंट, बालू और स्टोन डस्ट को अच्छे से मिलाया जाता है।
  2. फिर मशीन में दबाकर सांचे में ढाला जाता है।
  3. ईंटें पानी में भिगाये जाते हैं ताकि ताकत बढ़े।
  4. 15-20 दिन बाद इन्हें सुखाकर इस्तेमाल के लिए तैयार किया जाता है।

आजकल पूरी तरह ऑटोमैटिक मशीनें भी उपलब्ध हैं जो रोज़ 20,000 से ज्यादा ईंटें बना सकती हैं।

🔍 फ्लाई ऐश ईंटें कहां से खरीदें?

ईंटें खरीदने के लिए सिर्फ लोकल दुकानों पर निर्भर न रहें। ये तरीके ज़्यादा बेहतर और स्मार्ट हैं:

Google Map और Search का इस्तेमाल करें:

  • "Fly ash bricks near me" या "Fly ash bricks in [आपका शहर]" सर्च करें।
  • उन व्यापारियों को चुनें जिनके पास 4+ स्टार रेटिंग और लेटेस्ट फोटो हो।

🛒 ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स भी आज़माएं:

  • IndiaMART - थोक व्यापारियों की लिस्टिंग।
  • Justdial - रेटिंग, पास की दुकानें और कस्टमर रिव्यू।
  • TradeIndia - औद्योगिक ऑर्डर्स के लिए बेहतर।

ऑर्डर करने से पहले यह ज़रूर पूछें:

  • ईंटें BIS स्टैंडर्ड IS 12894:2002 के अनुसार हैं या नहीं?
  • क्या GST बिल मिलेगा?
  • क्या सैंपल मिल सकता है?

गया और आसपास के इलाके में खरीदना चाहते हैं?

अगर आप गया, बिहार में हैं तो MKB Udyog से संपर्क करें। हम क्वालिटी फ्लाई ऐश ईंटें बनाते हैं और 24 घंटे के अंदर आपके साइट तक पहुंचाते हैं।

📍 MKB Udyog

बकेपुर, बगही, ब्लॉक - परैया, गया - 824209

📞 9818478918

📧 rahulmkbudyog@gmail.com

🌐 www.mkbudyog.com

🔗 अधिक जानकारी के लिए पढ़ें:

📌 निष्कर्ष

फ्लाई ऐश ईंटें अब एक स्मार्ट चॉइस बन चुकी हैं — चाहे आप नया घर बना रहे हों या सरकारी प्रोजेक्ट प्लान कर रहे हों। ये मजबूत हैं, दिखने में बेहतर हैं और कीमत में किफायती भी।

तो अगली बार जब आप ईंट खरीदने जाएं, तो एक बार फ्लाई ऐश ईंटों पर जरूर विचार करें।

गया में खरीदनी हो? तो हमसे संपर्क करें। 🙂

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)


बिल्कुल। ये आजकल घरों, अपार्टमेंट्स और सरकारी बिल्डिंग्स में आम हैं।

हां, प्लास्टर कम लगता है, ब्रेकेज कम होता है और ट्रांसपोर्ट भी आसान होता है।

हां, IndiaMART, Justdial जैसे प्लेटफॉर्म्स पर कई विक्रेता मौजूद हैं।

IS 12894:2002 — भारत सरकार द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मापदंड।

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